भयानक अंधेरी रात में एक लड़की बेतहाशा भागे जा रही है , शायद किसी से डर कर भाग रही है । उसने लाल रंग की घुटने तक साड़ी पहन रखी है और पैरों में पुराने जमाने की पायजेब पहनी हुई है । पहनावे से किसी कबीले कि जान पड़ती है । भागते हुए वो अचानक पीछे पलट कर भी देख रही हैं । शायद किसी से डर कर भाग रही हैं । तभी अचानक उसे ठोकर लगी और वो जमीन पर मुंह के बल गिर पड़ी
। वो लड़की डर , थकावट, गुस्से और दुःख के मिले जुले भावों के साथ उठने की कोशिश करने लगी । तभी अचानक उसे किसी मरे हुए और सड़ चुके जानवर की मांस की बदबू आने लगी । धीरे- धीरे बदबू बढ़ने लगी जिससे उस लड़की को भी उल्टी आने लगी । तभी उसने अपने सामने देखा एक काला धुआं धीरे - धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था । उस धुंए ने एक आकृति का रुप लेने लगा और उस धुंए ने उस लड़की के करीब जाकर उसके कान में कहा .... " तुम मेरी हो श्यामली " उस आकृति ने कहा और उस लड़की की ओर बढ़ने लगा । उस धुंए ने जैसे ही उस लड़की को छुने की कोशिश की उसे एक जोर का झटका लगा और वो उस लड़की से थोड़ी दूर चला गया । उसकी ऐसी हालत देखकर लड़की ने उठने की कोशिश की और अपना साड़ी का पल्लू सम्भालते हुए फिर उस सायें से भागने लगी । तभी उसने देखा की उसकी साड़ी के पल्लू में दुर्गा मां की छोटी सी मूर्ति है । जिसे कुछ देर पहले ही उसके पिता ने उसे दिया था । उस लड़की ने ज्यादा देर ना करते हुए उस साये से दूर जाने लगी । भागते - भागते अचानक वह किसी मंदिर के प्रांगण में प्रवेश कर गई और एक नज़र उसने अपने से दूर घुरते हुए , उस साये को देखा और कहने लगी ।
श्यामली - तू मुझे कभी नहीं पा सकता दुष्ट । ना इस जन्म में और ना ही किसी और जन्म में ....।
इतना कह कर वह लड़की मंदिर में बने तालाब में कूद जाती हैं .....।
इतना डरावना सपना देखकर सोनाली नींद से जाग कर उठ कर बैठ गई ... । उसकी सांसें धौंकनी की तरह चलने लगी थी। सोनाली हमेशा एक की तरह के सपने हमेशा से देखा करती थी । सोनाली जब 10 साल की थी तभी से उसे ये डरावने सपने दिखाई देने लगे थे और अभी तक ये सिलसिला चल रहा है ।
सोनाली उठी की नहीं ये देखने के लिए सोनाली की मां कि आवाज आई - :
सोनाली उठो बेटा ऑफिस नहीं जाना क्या ?
सोनाली अपने सांसों को नियंत्रित करके मां को जवाब देती हैं ।
सोनाली - जाना है मां बस थोड़ी देर में आई ... ये कह कर सोनाली फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाने लगी । करीब आधे घंटे में तैयार हो कर सोनाली रूम से बाहर आई । अनमने ढंग से वो आकर बैठ गई ।
अभी सोफे पर बैठ कर वो चाय पी रही थी और उस सपने के बारे में सोच ही रही थी कि मां ने कहा - कोई परेशानी है क्या बेटा । सोनाली अपने सोच से बाहर आकर - नहीं मां , ऐसी कोई परेशानी वाली बात नहीं हैं|
मां सोनाली के पास बैठते हुए बोली , तेरे लिए एक रिश्ता आया है !
एक लिफाफा देते हूए बोली इसमें लड़के कि तस्वीर है । देख कर बताओ फिर आगे बात बढ़ायगें |
सोनाली - मुझे नहीं देखनी किसी भी लड़के कि फोटो , तुम तो जानती हो ना मां कुछ महीने में मेरे साथ अजीबोगरीब घटनायें हो रही है ।
जो भी लड़का मुझे पंसद करता है उसके साथ कुछ बुरा हो जाता है ।
पहली बार जब एक लड़का मुझे देखने आया था । उसने और उसके घर वालों ने मुझे पंसद कर लिया था और वापस उनके घर जाते समय उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया । मरते -मरते बचे वो सब , कुछ दिनों बाद उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया ये बोल कर कि मैं मनहूस हूं ।
कितनी बार ऐसा हो चूका है मेरे साथ ... प्लीज आप मेरी शादी की बात मत करिए , अगर ईश्वर ने चाहा तो मेरी शादी जरूर होगी लेकिन अभी इस बारे में कोई बात मुझे नहीं करनी । तभी
एक धीमी सी आवाज सोनाली के कान में आई...तुम मेरी हो श्यामली... आवाज सुनकर सोनाली हाथ के हाथ से चाय कि प्याली छूट के नीचे गिर गई और वो डर से कांपने लगी ।
क्रमशः
सोनाली को एक ही सपने बार बार क्यों आते है ? उसने जो आवाज सुनी वो महज गलतफहमी या हकीकत जानने के लिए इस कहानी का अगला भाग जरूर पढ़े |
Abhinav ji
07-Sep-2022 08:11 AM
Nice
Reply
Punam verma
25-Aug-2022 09:04 AM
Nice
Reply
Khan
03-Aug-2022 04:58 PM
Nice
Reply